मैंने ये जाना है कि डर का ना होना साहस नही है , बल्कि डर पर विजय पाना साहस है. बहादुर वह नहीं है जो भयभीत नहीं होता , बल्कि वह है जो इस भय को परास्त करता है.
एक विचार लो. उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो , उस विचार को जियो . अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों , नसों , शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो , और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो. यही सफल होने का तरीका है.
तुम ये कैसे साबित कर सकते हो कि इस क्षण हम सो रहे हैं, और हमारी सारी सोच एक सपना है; या फिर हम जगे हुए हैं और इस अवस्था में एक दूसरे से बात कर रहे हैं?